Saturday, 11 April 2015

Ved knowledge

विज्ञानयुक्त से अर्थ है जो प्रत्यक्ष हो या जो होना सम्भव हो उस पर विशवास करो बाकी पाखंडों से बचो क्यूंकि पाखंडों में पड़कर मनुष्य का जीवन नकारात्मक होने लगता है, और इससे उसका आत्मिक बल क्षीण होता है,

इसीलिए ईश्वर हमें आज्ञा देते है की इन पाखंडों को त्याग कर जो जो वेद सम्मत हो उसे माने

यजुर्वेद ४-१७(4-17)

ए॒षा ते॑ शुक्र त॒नूरे॒तद्वर्च॒स्तया॒ सम्भ॑व॒ भ्राजङ्गच्छ । जूर॑सि धृ॒ता मन॑सा॒ जुष्टा॒ विष्ण॑वे ॥४-१७॥

भावार्थ:- मनुष्यों को चाहिये कि परमेश्वर की आज्ञा का पालन करके विज्ञानयुक्त मन से शरीर वा आत्मा के आरोग्यपन को बढ़ा कर यज्ञ का अनुष्ठान करके सुखी रहें।।

अपनी वाणी को मिश्री की भांति मीठा रखे केवल उपरी तौर पर नहीं अपितु मन से मीठा बोलिए, अपनी वाणी में सभ्यता रखे, उत्तम वाणी बोले जिससे सुनने वाले के मन आपके प्रति अच्छी भावनाओं का जन्म ही हो और आपका प्रभाव भी अच्छा बने

असभ्य रूप से अज्ञानी मनुष्य बोलते है, असभ्य वाणी मनुष्य की अज्ञानता की निशानी होती है इसलिए असभ्यता से बचे

यजुर्वेद ४-१९(4-19)

चिद॑सि म॒नासि॒ धीर॑सि॒ दक्षि॑णासि क्ष॒त्रिया॑सि य॒ज्ञिया॒स्यदि॑तिरस्युभयतःशी॒र्ष्णी । सा नः॒ सुप्रा॑ची॒ सुप्र॑तीच्येधि मि॒त्रस्त्वा॑ प॒दि ब॑ध्नीताम्पू॒षाध्व॑नस्पा॒त्विन्द्रा॒याधक्षाय ॥४-१९॥

भावार्थ:- इस मन्त्र में श्लेषालंकार है और पूर्व मन्त्र से इन तीन पदों की अनुवृत्ति भी आती है। मनुष्यों को जो बाह्य, आभ्यन्तर की रक्षा करके सब से उत्तम वाणी वा बिजुली वर्त्तता है, वही भूत, भविष्यत् और वर्तमान काल में आज्ञा  के पालन के लिये सत्य वाणी और उत्तम विघया को ग्रहण करता हैं, वही सब की रक्षा कर सकता है।।

ईश्वर आज्ञा के अनुसार हर मनुष्य को एक दुसरे से प्रीतिपूर्वक, धर्मानुसार, यथायोग्य वर्तना चाहिए, जो मनुष्य जिस प्रकार का व्यवहार करें हमें चाहिए की हम उससे उत्तम व्यवहार उसके साथ करें, यहाँ तक की उसके समान तो करें ही परन्तु उससे निम्न व्यवहार कभी नहीं करे

अपने बच्चों के साथ वैसा ही व्यवहार करें जैसा व्यवहार आप अपने बच्चे से आप अपने और अन्यों के लिए चाहते है, क्यूंकि बच्चे हमेशा आपका अनुशरण करते है, इसलिए जैसा व्यवहार जैसे संस्कार आप अपने बच्चों में चाहते है आप स्वयं वैसा बने, अपने बच्चों को ऐसे संस्कार देते रहे जिससे उनका भविष्य अच्छा हो, वेदों की ओर लोटे अपने बच्चों को वेदों की शिक्षा अवश्य दिलाये

यजुर्वेद ४-२०(4-20)

अनु॑ त्वा मा॒ता म॑न्यता॒मनु॑ पि॒तानु॒ भ्राता॒ सग॒र्भ्यो नु॒ सखा॒ सयू॑थ्यः । सा दे॑वि दे॒वमच्छे॒हीन्द्रा॑य॒ सोम रु॒द्रस्त्वा व॑र्तयतु स्व॒स्ति सोमसखा॒ पुन॒रेहि॑ ॥४-२०॥

भावार्थ:- इस मन्त्र में वाचकलुप्तोपमालंकार है। प्रश्नः- मनुष्यों को परस्पर किस प्रकार वर्त्तना चाहिये? उत्तरः- जैसे धर्मात्मा, विद्वान्, माता, पिता, भाई, मित्र आदि सत्यव्यवहार में प्रवृत्त हों, वैसे पुत्रादि और जैसे विद्वान् धार्मिक पुत्रादि धर्मयुक्त व्यवहार में वर्त्ते, वैसे माता पिता आदि को भी वर्त्तना चाहिये।।

वेद प्रचार की इस मुहीम में आपकी आहुति जरुरी है इसलिए इन स्लाइड्स को अधिक से अधिक शेयर कर लोगों को वेदों से अवगत कराए
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अजीनोमोटो:यह धीमा जहर

अजीनोमोटो:यह धीमा जहर है।अजीनोमोटो::सफेद रंग का चमकीला सा दिखने वाला मोनोसोडि़यम ग्लूटामेट यानी अजीनोमोटो, एक सोडियम साल्ट है। अगर आप चाइनीज़ डिश के दीवाने हैं तो यह आपको उसमें जरूर मिल जाएगा क्योंकि यह एक मसालेके रूप में उनमें इस्तमाल किया जाता है। शायद ही आपको पता हो कि यह खाने का स्वाद बढ़ाने वाला मसाला वास्तव में जहर यह धीमा खाने का स्वाद नहीं बढ़ाता बल्कि हमारी स्वाद ग्रन्थियों के कार्यको दबा देता है जिससे हमें खाने के बुरे स्वाद का पता नहीं लगता। मूलतः इस का प्रयोग खाद्य की घटिया गुणवत्ता को छिपाने के लिए किया जाता है। यह सेहत के लिए भी बहुत खतरनाक होता है।जान लें कि कैसे-* सिर दर्द, पसीना आना और चक्कर आने जैसी खतरनाक बीमारी आपको अजीनोमोटो से हो सकती है। अगर आप इसके आदि हो चुके हैं और खाने में इसको बहुत प्रयोग करते हैं तो यह आपके दिमाग को भी नुकसान कर सकता है।* इसको खाने से शरीर में पानी की कमी हो सकती है। चेहरे की सूजन और त्वचा में खिंचावमहसूस होनाइसके कुछ साइड इफेक्ट हो सकते हैं।* इसका ज्यादा प्रयोग से धीरे धीरे सीने में दर्द, सांस लेने में दिक्कत और आलस भी पैदा कर सकताहै। इससे सर्दी-जुखाम और थकान भी महसूस होती है। इसमें पाये जाने वाले एसिड सामग्रियों की वजह से यह पेट और गले में जलन भी पैदा कर सकता है।* पेट के निचले भाग में दर्द, उल्टी आना और डायरिया इसके आम दुष्प्रभावों में से एक हैं।* अजीनोमोटो आपके पैरों की मासपेशियों और घुटनों में दर्द पैदा कर सकता है। यह हड्डियों को कमज़ोर और शरीर द्वारा जितना भी कैल्शिम लिया गया हो, उसे कम कर देता है।* उच्च रक्तचाप की समस्या से घिरे लोगों को यह बिल्कुल नहीं खाना चाहिए क्योंकि इससे अचानक ब्लड प्रेशर बढ़ और घट जाता है।* व्यक्तियों को इससे माइग्रेन होने की समस्या भी हो सकती है। आपके सिर में दर्द पैदा हो रहा है तो उसे तुरंत ही खाना बंद कर दें।* अजीनोमोटो की उत्पादन प्रक्रिया भी विवादास्पद है : कहा जाता है कि इसका उत्पादन जानवरों के शरीर से प्राप्त सामग्री से भी किया जा सकता है।*अजीनोमोटो बच्चों के लिए बहुत हानिकारक है। इसके कारण स्कूलजाने वाले ज्यादातर बच्चे सिरदर्द के शिकार हो रहे हैं। भोजन में एमएसजी का इस्तेमाल या प्रतिदिन एमएसजी युक्त जंकफूड और प्रोसेस्ड फूड का असर बच्चों के शारीरिक और मानसिक विकास पर पड़ता है। कई शोधों में यह बात साबित हो चुकी है कि एमएसजी युक्त डाइट बच्चों में मोटापे की समस्या का एक कारण है। इसके अलावा यह बच्चों को भोजन के प्रति अंतिसंवेदनशील बना सकता है। मसलन,एमएसजी युक्त भोजन अधिक खाने के बाद हो सकता है कि बच्चे को किसी दूसरी डाइट से एलर्जी हो जाए। इसके अलावा, यह बच्चों के व्यवहार से संबंधित समस्याओं का भी एक कारण है। छिपा हो सकता है अजीनोमोटो अब पूरी दुनिया में मैगी नूडल बच्चे बड़े सभी चाव से खाते हैं, इस मैगी में जो राज कीबात है वो है Hydrolyzed groundnut protein और स्वाद वर्धक 635 Disodium ribonucleotidesयह कम्पनी यह दावा करती है कि इसमें अजीनोमोटो यानि MSG नहीं डाला गया है। जबकि Hydrolyzed groundnut protein पकने के बाद अजीनोमोटो यानि MSG में बदल जाता है और Disodium ribonucleotidesइसमें मदद करता है।
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